टीएमसी सांसद Mahua Moitra के केस फॉर क्वेरी मामले में संसद सदस्यता चली गई है। इसके बाद Mahua Moitra का पहली प्रतिक्रिया सामने आई है कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। निष्कासन की सिफारिश इस आधार पर है कि मैंने अपना पोर्टल लोगिन साझा किया है।
इसको नियंत्रित करने के लिए कोई भी नियम नहीं है। एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है।
यह बीजेपी अंत की शुरुआत है। अगर मोदी सरकार ने सोचा है कि मुझे चुप कराकर अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे,तो बता दूं कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है, कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, आप एक महिला संसद को किस हद तक परेशान करेंगे।
सांसदी जाने के बाद आग बबुला हुई Mahua Moitra, ममता ने कह दी बड़ी बात?
अब इस पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बीजेपी कर रवैया देखकर दुख हो रहा है उन्होंने लोकतंत्र को कैसे धोखा दिया हुआ है। महुआ को अपना पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी।
जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें कि महुआ मोइत्रा पर कैश फॉर क्वेरी का आरोप हैं। उन पर आरोप यह लगे हैं कि उन्होंने पैसों के बदले जानबूझकर व्यक्ति विशेष के खिलाफ प्रश्न पूछे।इतना ही नहीं उनका एनआईसी अकाउंट भी दुबई से हैंडल किया गया। BJP सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए थे।